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श्री पंचायती गौशाला कमेटी (रजि) बुढलाडा

हमारे बारे में

श्री पंचायती गौशाला कमेटी (रजि) बुढलाडा यह गौशाला की सथापना लगभग 100 साल पहले बुढलाडा में की गई और यह इस क्षेत्र की सबसे पुराणी गौशाला है। इसकी रजिस्ट्रैश्न, रजिस्ट्रार फर्मज एवम् सुसाईटीज, पंजाब, चंण्डीगढ़ के रजिस्ट्रैश्न नं. 366 दिनांक 23 मार्च 1974 के अनुसार हुई।
यह गौशाला पंजाब गऊ सेवा कमीश्न मोहाली द्वारा भी रजिस्ट्रैश्न नं च्ळैब्ध्डछैध्ैम्च्ण्2015ध्0202 दिनांक 2.09.2015 के अनुसार रजिस्ट्रड है। यह गौशाला वार्ड नं. 8, नजदीक वाटर वक्र्स, बुढलाडा, जिला मानसा में स्थित है। इसकी इमारत लगभग 4 ऐक्ड जमीन में बनी हुई है। इसमें 10 गऊ शैड व 4 तूडी रखने के लिए बड़े गौदाम बने हुए है। गौशाला की रजिस्ट्रेश्न के समय इसकी कार्यकर्णी कमेटी के 16 सदस्य थे

जिनके नाम निम्नलिखित है सर्व श्री पंजीकरण के समय गौशाला समिति के 16 संस्थापक सदस्य हैं, अर्थात् सेवा

  • नौराता राम (प्रधान)
  • रामकर्ण दास (उप-प्रधान)
  • हरीराम गुप्ता (सैक्ट्री)
  • थैली राम (खजानची)
  • माधो राम (कार्यकार्णी मैम्बर)
  • रोशन लाल सिंगला (कार्यकार्णी मैम्बर)
  • कुलवंत राय मित्तल (कार्यकार्णी मैम्बर)
  • तेज राम गर्ग (कार्यकार्णी मैम्बर)
  • रोशन लाल (कार्यकार्णी मैम्बर)
  • नोहर चंद गोयल (कार्यकार्णी मैम्बर)
  • देवकी नंदन (कार्यकार्णी मैम्बर)
  • शाम लाल गर्ग (कार्यकार्णी मैम्बर)
  • राम निवास अग्रवाल (कार्यकार्णी मैम्बर)
  • चिंरजी लाल गर्ग (कार्यकार्णी मैम्बर)
  • ओम प्रकाश बांसल (कार्यकार्णी मैम्बर)
  • रामजी दास अग्रवाल (कार्यकार्णी मैम्बर)

    अब उपरोक्त सभी सदस्य स्र्वगवास हो चुके है। इसके बाद समस समय पर निम्नलिखित गऊ भक्तों ने गौशाला की प्रधान के रूप में सेवा की:- सर्व श्री

  • स्व. शिव चन्द्र लाल
  • स्व. मदन लाल गर्ग
  • स्व. केशो राम गोयल
  • श्री तरसेम चंद गोयल
  • श्री नवतेज सिंह
  • श्री केवल कृष्ण गोयल
  • श्री कृष्ण कुमार बांसल
  • श्री सुभाष चंद्र गोयल (इस समय के प्रधान)

यह गौशाला में लगभग 950 से अधिक संख्या में गाय और गायवंश मौजूद है। दूध देने वाली लगभग 80-85 गाय है और इनको शैड नं. 1-2 में रखा जाता है। गर्भवती गाय को शैड नं. 3 में, दुध न देने वाली गाय को शैड़ नं. 4-5 में, बीमार व जख्मी गाय को शैड़ नं 6 में, बैल को शैड़ नं. 7, नंदी को शैड़ नं. 8-9 में और छोटे बछडों को शैड नं. 10 में रखा जाता है। प्रत्येक शैड़ के साथ गाय को खुले में आराम करने हेतु खुला स्थान छोडा गया है जिसकी चार दीवारी की हुई है। प्रत्येक शैड़ में गाय के पानी पीने के लिए खुला टैंक बनाया हुआ है। प्रत्येक शैड में गाय को गर्मी से बचाने के लिए दीवार वाले पंखे व छत वाले पंखे लगाए हुए है। सर्दीयों में गाय को ठंड से बचाने के लिए प्रत्येक शैड को तरपाल से ढक्क कर दिया जाता है। गौशाला कमेटी ने गाय और गायवंश की देखभाल के लिए पशु चिकित्सक नौकरी पर रखा हुआ है जो रोजाना बीमार व जख्मी गाय की देखभाल करता है। सभी गाय को पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार पोशटिक आहार दिया जाता है जिसमे तूडी, ताजा हरा चारा, खल्ल, दाना एवम् गुड़ आदि शामिल है।
यह गौशाला दान के सहारे चल रही है। जिसमें शहर के सभी वर्ग के व्यक्ति, दुकानदार अपनी यधाशक्ति अनुसार दान देते है। इस दान की राशि में ज्यादातर भाग आडतियों का रहता है। गौशाला कमेटी गौपअष्टमी के त्यौहार के बाद शहर की हर दुकान से दान एकत्रित करने के लिए जाती है।
यह गौशाला को दान में दी हुई राशि आमदन कर एक्ट 1961 की धारा 80 जी के अन्र्तगत आयकर से मुक्त है। यह गौशाला दान की राशि आनलाईन एवम् नकदी रूप व समान (जैसे गुड़, खल्ल, हरा चारा व अन्य) के रूप में स्वीकार करती है। दान में प्राप्त हुआ एक एक पैसा गाय और गायवंश की देखभाल व गौशाला की उत्थान के लिए प्राद्वर्शी ढंग से खर्च किया जाता है। हर वर्ष आमदन कर की रिटर्न श्री जीवन जिंदल, चारटर्ड अकाऊंटैंट, मानसा से आडिट करवाने के पश्चात् आयकर विभाग को आयकर नियमों के अनुसार भेजी जाती है। गौशाला कमेटी हर वर्ष हिसाब किताब की सालाना रिपोर्ट एक छोटी पुस्तक के रूप में छपवा कर दानी सज्जनों को भेंट करती है।
गौपअष्टमी का त्यौहार दीपावली से एक सप्ताह बाद आता है। इस अवसर पर धूम- धाम से फौजी बैंड़ बाजों के साथ पूरे शहर में शौभा यात्रा निकाली जाती है।
यह गौशाला में 5400 वर्ग फुट के क्षेत्र में एक गौशाला भवन का निमार्ण किया हुआ है यहां प्रति वर्ष श्रीमद भागवत पुराण कथा/श्री राम कथा का आयोजन किया जाता है। सभी वर्ग के व्यक्ति इस धार्मिक कार्यक्रम में समलित होकर यथाशक्ति अनुसार दान देकर प्रोग्राम का आंनद प्राप्त करते है। कार्यक्रम में प्राप्त हुई दान राशि गऊवंश की देखभाल और गौशाला के उत्थान के लिए उपयोग की जाती है।
गौशाला में सभी काम करने वाले गवालों को गाय की देखभाल के लिए शैड़ों के अनुसार अपनी-अपनी डयूटी सौंपी हुई है।
गौशाला कमेटी के दफतर का कामकाज सम्भालने के लिए एक प्रबंधक और एक उप-प्रबंधक नियुक्त किए हुए है।
गौशाला के आँगन में सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाया हुआ है।
गौशाला कमेटी द्वारा 5 रेहडी रिक्शा का प्रबन्ध किया हुआ है जो शहर में घूम कर घर-घर से गौवंश के लिए रोटी, अनाज व खाद्य साम्रग्री एकत्रित करके गौशाला में लाती है।
गौशाला के आँगन में एक परिक्रमा मार्ग भी बनाया गया है। यहाँ पर सभी गऊभक्त गऊमाता की प्रक्रिमा करके गौमाता का आर्शाीवाद प्राप्त करते है। धार्मिक ग्रर्थो के अनुसार गौमाता की प्रक्रिमा का मनुष्य जीवन में बहुत महत्व है।
गाय का ताजा दुध सुबह शाम स्थानीय निवासीयों को सपलाई किया जाता है और जो दुध बच जाता है उससे देसी घी बना कर स्थानीय निवासीयों को दे दिया जाता है। इस से जो राशि उपल्बध होती है वह गौशाला के काम में लगाई जाती है।
गाय के गौबर को सुखा कर जैविक खाद्य बनाई जाती है और यह खाद्य किसानों को सपलाई की जाती है।
गाय के मूत्र का शद्धिकर्ण करने पश्चात् यह भी स्थानीय निवासीयों को दिया जाता है।
सुबह शाम कुछ स्थानीय गौ सेवादार गौसेवा करने के लिए गौशाला में प्रतिदिन आते है।
गौशाला के आँगन में 2019 में स्थानीय गौभक्तो के सहयोग से श्री राधा माधव गौ धाम मंदिर की स्थापना की गई। स्थानीय निवासी गौशाला में गौसेवा के उपरांत मंदिर में भगवान श्री कृष्ण जी का आर्शीवाद प्राप्त करते है। भगवान श्री कृष्ण गोपाल के नाम से भी जाने जाते है। महिला कीर्तन मण्डल यहां आकर भजन गायन करते है।
गौशाला के आँगन में एक शीतला माता मंदिर भी बना हुआ है। यहां हर वर्ष मार्च के माह में माता शीतला के त्योहार पर अन्य भक्त पूजन के लिए पहुँचते है।
गौशाला के आँगन में प्रतिवर्ष होलिका दहन का त्यौहार भी हर्ष उल्लास से मनाया जाता है।
स्थानीय निवासी अपने घर में किसी खुशी के अवसर पर जैसे जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ और परिवार के सदस्य की मृत्यु वर्षगांठ पर गौमाता को सवामणि भेंट करते है। गौशाला में दो प्रकार की सवामणि जैसे दलीया, आटा लडडू उपलब्ध करवाई जाती है।
गौशाला में गौ भक्तो के लिए गौशाला के मेन गेट पर ताजा हराचारे के बैग हर समय उपलब्ध होते है। गौशाला में गुड़ भी हर समय उपलब्ध होता है।
बुढलाडा शहर के आस पास के गाँव के बहुत सारे किसान गौशाला के लिए तूडी व ताजा हरा चारा भेंट करते है। गौशाला के ग्वाले उनके घर/खेतों में जाकर यह तूडी और हरा चारा इक्ठा करते है। गौशाला कमेटी की टीम हर वर्ष उनके घर जाकर उन्हे तूड़ी दान करने के लिए निवेदन करती है। गौशाला कमेटी सभी किसान भाईयों का बहुत ही आभार वयक्त करती है जो समय समय पर गौशाला को सहयोग देते है।
पिछले 1-2 वर्षो में गौशाला कमेटी ने शहर में आवारा घूम रहे तकरीबन 125 गौवंश को गौशाला में समलित किया है।
गौशाला के आँगन में छोटे छोटे बच्चों के खेलने के लिए एक पार्क भी बनाया गया है जिसमें बैठने के लिए बैंच और बच्चों के लिए झूलों का प्रबन्ध किया हुआ है।
एक गौभक्त स्वगीर्य श्री सुगन चंद सपुत्र श्री साहिब दित्ता मल्ल निवासी बुढलाडा ने सन् 1971 में 3 पलाट जोकि गाँव अलिका तहिसील रतिया, जिला फतेहबाद में है। उन्हें गौशाला बुढलाडा को दान में दिया था।
स्थानीय निवासी स्वर्गीय श्री प्रिथी चंद शर्मा ने सन् 1978 में हरिद्वार में बना हुआ अपना घर गौशाला कमेटी को दान में दे दिया। इस घर को गौशाला कमेटी ने श्री पंचायती धर्मशाला के नाम से यात्रियों के ठहरने के लिए खोल दिया था। यह धर्मशाला सरवन नगर, गली नं 1, नजदीक हिमालय बुक डीपू के पास स्थित है। हरिद्वार जाने वाले यात्रि इस धर्मशाला में ठहर सकते है।
गौशाला कमेटी आपसे अनुग्रह करती है कि आप गौशाला की प्रगति के लिए अपने उचित सुझाव दे सकते है। कमेटी आपके सुझाव का स्वागत करेगी और उचित सुझाव पर विचार विर्मश करने पश्चात् पूर्ण करने की कोशिश की जाएगी।
गौशाला में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान देना व गौवंश के लिए हर संभव कार्य करते रहना हमारा परम कर्तव्य है।

Shri Panchayati Gaushala Committe (Reg) Budhlada

Donation of cows is superior to all
others. Cows are supreme and sacred